हिंदू समाज के संगठित होने से राष्ट्र होगा सशक्त : सुरेन्द्र सिंह

दीनदयाल बस्ती के हिंदू सम्मेलन में लोगों ने किया सुंदरकांड का पाठ

ग्वालियर। आज देश के सामने कई चुनौतियां हैं। उससे निपटने के लिए हिंदू समाज को एकजुट होना होगा। भारत के बाहर जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उनकी स्थिति दयनीय है। भारत शक्तिशाली राष्ट्र तब बनेगा जब हिंदू समाज संगठित होगा। इसलिए सकल हिंदू समाज जाति से ऊपर उठकर, संगठित होकर भारत को परम वैभव तक पहुंचाने का संकल्प ले।
यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य भारत प्रांंत के सह प्रांत प्रचारक सुरेंद्र सिंह ने रविवार को दीनदयाल बस्ती के हिंदू सम्मेलन में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। गोविंद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में लाल टिपारा गौशाला के स्वामी ऋषभ देवानंद महाराज, हिंदू समाज आयोजन समिति के अध्यक्ष राम निवास सिंह गुर्जर, उपाध्यक्ष सरिता परिहार भी मंचासीन रहीं। मुख्य वक्ता श्री सिंह ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में शास्त्र और शस्त्र की कुशलता पर ध्यान दिया जाता था। हमारे देवी-देवता भी धर्म की स्थापना के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र धारण करते थे। इसलिए हम सभी को इन दोनों में पारंगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आक्रांताओं ने कई बार हमारे मंदिरों, संस्कृति और शिक्षा पद्धति पर प्रहार किए। श्री सिंह ने कहा कि हिंदुओं को संगठित करने और भारत को विश्व का सिरमौर बनाने और दुनिया के कल्याण के लिए 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और सभी के सुख तथा कल्याण की कामना करता है। भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा, लेकिन उस पर राज नहीं करेगा, क्योंकि भारत के लिए अपनी जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढक़र है।
उन्होंने पंच परिवर्तन-सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर इन पांच बिंदुओं को आम नागरिक अपने जीवन में उतार लें, तो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र तीनों स्तरों पर सकारात्मक बदलाव दिखने लगेंगे। इस अवसर पर हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ भी हुआ। कार्यक्रम का संचालन पीएस कुशवाह ने किया।