अमेरिकी सेना में दाढ़ी रखने पर रोक के बाद सिख संगठन ने चेतावनी दी है। यदि वह नीति लागू हुई तो कई सैनिकों को अपने धर्म और सैन्य सेवा में से एक को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ेगा ।अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ में सेना में नए और कठोर नियम लागू करने की घोषणा की है। इसके अनुसार सैनिकों को दाढ़ी रखने ,लंबे बाल रखने और खास केश सज्जा , कपड़ों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है ।इस फैसले पर अमेरिकी सेना में शामिल सिख समुदाय ने नाराज की जताई है। इसे वह अपने धार्मिक अधिकारों में दखलअंदाजी मान रहे हैं ,सिख समुदाय का कहना है यह नियम उनकी धार्मिक पहचान और परंपराओं का सम्मान नहीं करता है ।सिख संगठन ने सोशल मीडिया पर कहा हम रक्षा सचिव के इस फैसले से नाराज है और गहरी चिंता जताते हैं यह नियम सिख सैनिकों के धार्मिक चिन्ह जैसे दाढ़ी पगड़ी पहनने के अधिकार को चिंता है पीठ एक्शन ने वर्जीनिया में सैन्य अधिकारियों से कहा था कि अब सेना में दाढ़ी ,लंबे बाल या दिखावे की इजाजत नहीं होगी।
अपने बाल कटवाए दाढ़ी हटाए और सैनिक सेवा के मानक का सख्ती से पालन करें उन्होंने सैनिकों से फिटनेस और अनुशासन पर ध्यान देने को भी कहा है उपराष्ट्रपति जड़ी वंस ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम अमेरिकी सी को उच्च स्तर तक ले जाएगा मालूम हो के पहले विश्व युद्ध के बाद से ही अमेरिकी सेवा में सिख सैनिक शामिल हो रहे हैं।
यहूदी भी रखते हैं दाढ़ी
दाढ़ी रखने पर रोक के बाद सिख और मुस्लिम संगठनों ने चेतावनी दिए कि यदि यह नीति लागू हुई तो कई सैनिकों को अपना धर्म और नौकरी में से एक को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ेगा नई नीति ने सिर्फ सिक्कों को नहीं बल्कि मुस्लिम को भी परेशान कर दिया है मुस्लिम सैनिकों के लिए दाढ़ी रखना धार्मिक दायित्व है जबकि यहूदियों के लिए उनकी परंपरा का हिस्सा है।

