रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने दो महत्वपूर्ण संस्थानों से किया एमओयू

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दतिया । रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरएलबीसीएयू),झाँसी 21 नवंबर,2025 को भा.कृ.अनु.प.- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो,लखनऊ और भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय मीठे पानी की जलीय कृषि संस्थान, भुवनेश्वर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रणनीतिक सहयोग मात्स्यिकी महाविद्यालय, आर.एल.बी.सी.ए.यू,दतिया के छात्रों एवं संकाय सदस्यों के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता,अनुसंधान क्षमताओं और क्षमता-विकास के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस साझेदारी के माध्यम से छात्रों को उन्नत अनुसंधान सुविधाओं, प्रायोगिक प्रशिक्षण,इंटर्नशिप, अध्ययन भ्रमण तथा दोनों प्रमुख आई.सी.ए.आर.संस्थानों के प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ विशेषज्ञ संवाद का लाभ मिलेगा। यह सहयोग संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं,प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और मत्स्य एवं जलीय कृषि क्षेत्र के लिए नवीन समाधान विकसित करने में भी सहायक होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यह समझौता मात्स्यिकी महाविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को अत्यंत समृद्ध करेगा और छात्रों को अत्याधुनिक ज्ञान एवं व्यावहारिक कौशल से सशक्त बनाएगा। भा.कृ.अनु.प.- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के निदेशक,डॉ.काजल चक्रवर्ती ने यह भी कहा कि यह सहयोग मछली आनुवंशिक संसाधनों के क्षेत्र में प्रगति को गति देगा। नवाचार-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देगा। तथा छात्रों को मत्स्य एवं जलीय कृषि विकास की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप व्यावहारिक विशेषज्ञता प्रदान करेगा। मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता,डॉ. प्रमोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह साझेदारी व्यावसायिक विकास के नए द्वार खोलेगी और मत्स्य एवं जलीय कृषि के भविष्य के कार्यबल को सुदृढ़ बनाएगी। एम.ओ.यू.पर विश्वविद्यालय के सभी वैधानिक अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता आर.एल.बी.सी.ए.यू. की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि इसके छात्र मत्स्य क्षेत्र में उभरती प्रगतियों के अग्रणी बने रहें।