राजनीति हो या शिक्षा रमाशंकर सिंह का मुकाबला नहीं

आईटीएम के मार्गदर्शक संस्थापक का 71  वां जन्मदिन

रमाशंकर सिंह पूर्व मंत्री एवं शिक्षाविद

ग्वालियर । देश के जाने माने शिक्षाविद मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री  रमाशंकर सिंह का जन्म  23 दिसंबर 1954 को भिंड जिले के  रौन में हुआ। रमाशंकर सिंह वैचारिक तौर पर समाजवादी कहें या सोसलिस्ट विचार धारा के राजनीतिज्ञ रहे । रमाशंकर सिंह ने उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रहण की । वे छात्र जीवन से ही सोशलिस्ट विचाक धारा से प्रभावित रहे।

सोशलिस्ट विचार धारा से प्रभावित रमा शंकर सिंह   जल्द ही समाजवादी नेताओं के संपर्क मे आये । वह समाजवादी नेता  पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वर्गीय राजनारायण के नजदीकी युवाओं की टोली  में शामिल हो गये ।

आपात काल के दौरान हालांकि रमाशंकर सिंह जेल में तो नही गये लेकिन समाजवादी नेताओं  के परिवारों की मदद करने का काम किया। आपात की समाप्ति के बाद जब जनता पार्टी का गठन हुआ तो वह युवा  जनता के राष्ट्रीय नेताओं में शुमार रहे। केन्द्र में सत्ता में आने के बाद  जब राज्यों की विधान सभाये भंग की गई इसके बाद जब 1977 मेंमध्यप्रदेश विधान सभा के चुनाव हुए तो जनता पार्टी ने उन्हे भिंड जिले की रौन विधान सभा सीट से उम्मीदवार बनाया रमाशंकर सिंह चुनाव में विजयी हुई। सरकार के गठन के बाद उन्होने सबसे युवामंत्री के रुप  सांख्यिकी राज्य मंत्री बनाया गया। 1979 में जनता पार्टी  के विघटन के बाद वह  पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी  चरण सिं ह के साथ हो गये। 1980 के विधान सभा चुनाव मेंएकबार फिर राष्ट्रीयलोकदल के टिकिट पर रौन विधान सभा क्षेत्र से जीतकर पार्टी के एकमात्र विधायक निर्वाचित हुए । रमाशंकर सिंङ विधायक के साथ साथ  लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 1984 के लोकसभा चुनाव चौधरी चरण सिंह की दमकिपा के भिंड लोकसभा प्रत्याशी रहे। हालांकि वह चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे। 1984 के अंत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह के कहने पर वह कांग्रेस में शामिल हो गये। 1985 का विधान सभा चुनाव कांग्रेस टिकिट पर जीतकर विधायक बने।

1990 के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद उनका राजनीति से मोह भंग हो गया। 1992 से उन्होने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा अगले ही वर्षों में आईटीएम युनीवर्स की स्थापना की इसके दो दशक के सफल संचालन के बाद आईटीएम निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की आज आईटीएम युनीवर्सिटी उनके मार्गदर्शन में  शिक्षा के साथ साथ संगीत, कला ,साहित्य  और खेल के क्षेत्र में नये प्रतिमान स्थापित कररहा है। यही नहीं गुजरात के बडोदरा में भी उनका रोपित निजी विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नये प्रतिमान गढ़ रहा है।

आपकोबता दें कि आईटीएम की छात्रा वैष्णवी शर्मा श्रीलंका का दौरा कर रही भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य के रुप मे आज ही  दो विकेट लेकर अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट ग्वालियर के साथ आईटीएम युनीवर्सिटी का नाम रोशन करने की शुरुआत की है।

रमाशंकरसिंह के शिक्षा में दिये जा रहे योगदान को केन्द्र सरकार लगातार आकलन करने में कोताही बरत रही है। यदि सिंधिया परिवारके बाद यदि किसी व्यक्ति ग्वालियर को राष्ट्रीय फलक पर चमकाने का काम किया है तो वह केवल  रमाशंकर सिंह ही हैं।