अफसरों के बंगलों ,पुलिस मुख्यालय ,नामचीन मीडिया हाउसों के दफ्तरों के बीच एक साल से रह रही बांग्लादेशी युवती पुलिस हिरासत में

बांग्लादेशी युवती   पुरुष मित्र के फ्लैट से गिरफ्तार
ग्वालियर।अफसरों के बंगलों से आधा किलो मीटर दूर,  जिला पुलिस मुख्यालय  से  कुछ कदम की की दूरी पर बांग्लादेशी  देशी युवती का मिलना इंटेलीजेंस का बड़ा असफलता की कहानी कह रही है। हालांकि बांग्लादेशियों की तलाश में लगी  पुलिस को पॉश इलाके में मिलना  सफलता मान सकते हैं । लेकिन एक साल से छुप कर बांग्लादेशी महिला क्याकर रही थी। उसका सरपरस्त कौन है ये भी बड़ा सवाल है।

बांग्लादेश से आकर अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को खोजने का  अभियान पूरे देश  में चल रहा चल रहा है। हाल ही में ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके में  एक मुशत एक दर्जन बांग्लादेशी  को पकड़ा था। शनिवार को अफसरों ,सत्ताधारी   दिग्गज नेताओं, नामचीन  मीडिया हाउसों और  खबरिया चैनलों के दफ्तरों से  के इलाके सिटी सेंटर से पुलिस ने एक  बांग्लादेशी युवती  होने के संदेह उसके पुरुष दोस्त के साथ  हिरासत में लिया है। महिला बांग्लादेश की होना बताई जा रही है.
पॉश इलाके में पुरुष मित्र के साथ रह रही थी महिला

सीएसपी हिना खान को जानकारी मिली थी सिटी सेंटर इलाके में बनी एक बिल्डिंग के फ्लैट में कोई बांग्लादेशी महिला काफी समय से रह रही है। जानकारी मिलते ही पुलिस ने बताए गए फ्लैट पर दबिश दी तो वहां एक महिला मिली जो ग्वालियर के ही अपने एक पुरुष मित्र के साथ रह रही थी।

महिला के पास मिला बांग्लादेश का जन्म प्रमाणपत्र

मामले की जानकारी देते हुए ग्वालियर एएसपी विदिता डागर ने बताया कि “सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला अवैध तरीके से गोविंदपुरी में रह रही है. जब मौके पर जाकर पुलिस ने महिला से पूछताछ की और उससे पहचान संबंधी दस्तावेज मांगे गए लेकिन महिला कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दे पाई। जब गहनता से पूछताछ की गई तो उसने एक जन्म प्रमाणपत्र दिया जो बांग्लादेश का था।अभी महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।”

तहकीकात में जुटी पुलिस कौन कौन है शहर में उसका मददगार

पुलिस बांग्लादेशी महिला के साथ मिले ग्वालियर के पुरुष मित्र से भी पूछताछ कर रही है कि दोनों का क्या संबंध है । वह उसे कब से जानता है। जिससे पता लगाया जा सके कि महिला ग्वालियर में कब से रह रही है, हालांकि बताया जा रहा है कि वह लगभग 1 साल से यहां रह रही है. इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि यह महिला बांग्लादेश से भारत कैसे आई और  ग्वालियर आने में किस-किस का सहयोग मिला।