वाद्य यंत्रों के साथ होगा वंदेमातरम
ग्वालियर । राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में वंदेमातरम @150 के रूप में देशव्यापी उत्सव शुरू होगा। इसी तारतम्य में संभागीय केन्द्र पर आयोजित वंदेमातरम कार्यक्रम 7 नवंबर को महारानी लक्ष्मीबाई समाधि पर प्रातः 10.30 बजे वाद्य यंत्रों के साथ वंदेमातरम उत्सव का कार्यक्रम होगा । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के एवं महाराष्ट्र के सह प्रभारी श्री जयभान सिंह पवैया जी होंगे । यह जानकारी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के प्रभारी श्री कमल माखीजानी ने पत्रकार वार्ता में दी। पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी जवाहर प्रजापति, कार्यक्रम संयोजक राजू पलैया, जिला महामंत्री विनोद शर्मा, टोली के सदस्य श्रीमती करूणा सक्सेना, निशिकांत मोघे शामिल थे।
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के प्रभारी श्री कमल माखीजानी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम के द्वितीय चरण में सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि 8 नवंबर से 26 नवंबर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह आयोजन 7 नवंबर से शुरू होकर 26 नवंबर संविधान दिवस तक चलेगा। जिसमें कालेज, स्कूलों में वंदेमातरम पर निबंध, चित्रकला प्रतियोगिताएं सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे।
श्री माखीजानी ने बताया कि 7 नवंबर 1875 को वंदेमातरम् गीत की रचना हुई | यह शुभ दिन भारतीय कालगणना में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की नवमी थी | यह शुभ दिवस अक्षय नवमी होने के कारण जगद्धात्री की पूजा का दिवस है | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1896 के कलकत्ता अधिवेशन में गुरुवर रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा वन्देमातरम् का गायन हुआ | जिसकी प्रस्तुति राग मल्हार में हुई | 1896 के बाद कांग्रेस के अधिवेशनों में वंदेमातरम् गायन एक परंपरा बन गई |
उन्होंने कहा कि यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध का एक शक्तिशाली प्रतीक था और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक प्रेरक नारा बन गया था।
श्री माखीजानी ने बताया कि 22 दिसंबर 1908 को दशम गुरु गोविन्द सिंह जी के जन्म दिवस पर लंदन स्थित इंडिया हाउस में वंदेमातरम् का गायन हुआ | 22 अगस्त 1907 को स्टाट गार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में मैडम कामा द्वारा वंदेमातरम् का गायन हुआ | कनाडा – अमेरिका में स्थित क्रांतिकारी परस्पर मिलने पर अन्य संबोधन छोड़कर वंदेमातरम् ही बोलने लगे | भगिनी निवेदिता द्वारा निर्मित ध्वज पर वंदेमातरम् अंकित हो गया |
उन्होंने कहा कि संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार द्वारा नागपुर के नील सिटी विद्यालय निरीक्षण के समय अंग्रेज इंस्पेक्टर का वन्देमातरम् के साथ स्वागत किया गया। इस सभी के कारण वंदेमातरम् ने स्वतंत्रता के दीवानों के लिए मंत्र का रूप ले लिया |
श्री माखीजानी ने स्वतंत्रता आंदोलन में मां भारती को आजाद कराने में लगे हुए स्वतंत्रता सेनानियों का वंदेमातरम मंत्र बन गया।

