वंदे मातरम के 150 साल का जश्न-संविधान राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगीत का कोई विकल्प नहीं-जयभान सिंह पवैया

 

ग्वालियर । भारतीय जनता पार्टी ग्वालियर महानगर द्वारा वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर  महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान स्थली खचाखच भरे परिसर  में वंदेमातरम उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर अनेक स्कूली बालक बालिकाओं ने विभिन्न वाद्ययंत्रों से वंदेमातरम की शानदार प्रस्तुति दी गई। वहीं उपस्थित भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के अलावा गणमान्य लोगों द्वारा वंदेमातरम का सामूहिक गायन कर वंदेमातरम का गगनभेदी उद्घोष किया गया। वंदेमातरम गायन में शामिल स्कूली बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किए गये। इस अवसर विशेष रूप से

पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र सह प्रभारी श्री जयभान सिंह पवैया ने वंदेमातरम की 150वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए कहा कि वंदेमातरम देश भक्ति का पंचाक्षरी मंत्र है । यह आजादी के आंदोलन में कलम से निकला क्रांति का शस्त्र था जो आज भारत का सांस्कृतिक एकता में बांधने वाला राष्ट्रगीत है।
श्री पवैया ने कहा कि साहित्य ऋषि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय जी की कलम से निकले भारत माता की इस वंदना गीत में ऐसी अद्भुत ऊर्जा थी जिसे गाते गाते आजादी के परवाने फांसी के फंदे को चूम लेते थे। उन्होंने कहा कि भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा में नए संविधान को स्वीकार करते समय जनगण और वंदे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आश्चर्य यह है कि 1923 में कांग्रेस अधिवेशन के मंच से जिन तत्वों ने वंदे मातरम का विरोध किया और देश को मजहब के नाम पर बांटा ऐसे लोग आज भी राष्ट्रगीत को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि  संविधानं,राष्ट्रध्वज,राष्ट्रगीत  और महाराणा प्रताप वीर शिवाजी पर कोई बहस की  अनुमति   भारत की धरती से नहीं मिलेगी।  जिसे यह  स्वीकार नहीं  वह भारत की नागरिकता का अधिकारी नहीं हो सकता। वर्तमान में जाति और पंथ के नाम पर देश बांटने वाले और ने षड्यंत्रों करने वालों का एक ही जवाब हो सकता है कि हर भारतीय कंठ पर वंदेमातरम हो ताकि हर भारतीय स्वयं को भारत माता का बेटा- बेटी मानकर परस्पर सहोदर की तरह रहे।

भाजपा शहर अध्यक्ष राजौरिया ने कहा कि के दीवानों का मंत्र था वंदेमातरम। वंदे मातरम्” सिर्फ एक नारा नहीं था माँ भारती की आज़ादी के लिए लाखों वीर सपूतों ने हँसते-हँसते फाँसी का फंदा चूमा और अपना बलिदान दिया।

इस अवसर पर म.प्र. शासन के मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री श्रीमती मायासिंह, पूर्व सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चारु, पूर्व जिलाध्यक्ष अभय चौधरी, कार्यक्रम के प्रभारी पूर्व जिलाध्यक्ष श्री कमल माखीजानी, पूर्व विधायक श्री रमेश अग्रवाल, महामंत्री श्री विनय जैन, श्री विनोद शर्मा, श्री राजू पलैया मंच पर उपस्थित रहे।
इससे पूर्व अतिथियों ने महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वेदप्रकाश शर्मा, डॉ बीआर श्रीवास्तव, भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी जवाहर प्रजापति, जितेंद्र सिंह गुर्जर, अशोक जादौन, राजेश दुबे, अशोक जैन, पारस जैन, दीपक शर्मा, दीपक शुक्ला धर्मेन्द्र राणा, रामेश्वर भदौरिया, रूपेश अग्रवाल, टोली के सदस्य निशिकांत मोघे, गिर्राज कंसाना, हेमंत चौपड़ा, गौरव वाजपेई, भारत शाक्य, आलोक आहूजा, बिरजू शिवहरे, अजित बरैया, सतीश बोहरे, संतोष गोडयाले, राजू सेंगर, राघवेंद्र कुशवाहा अमित जादौन प्रवेश खान अली खान प्रिंस मंझवार, उषा चौहान, खुशबू गुप्ता, नीलिमा शिंदे, पुरषोत्तम शर्मा, करुणा सक्सेना, हेमलता बुधोलिया रूपेश अग्रवाल, मधुलिका क्षीरसागर, ममता भिलवार ,प्रीति थोरात, शर्मिला वर्मा, उमा भदोरिया ममता बीरबल प्रीति थोरात रेखा धौलाखंडी, रूपल शर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।