नईदिल्ली।लद्दाख में हुई हिंसा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सोनम वांगचुक गिरफ्तारी को सर्वोन्या में चुनौती दी गई थी ।जिस पर न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज है ,और उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया है उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी।
याचिका करता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी के होना नजर बंदी के आधार बताए जाने चाहिए तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी की नजरबंदी के आधार बंदी सोनम बैंकॉक को बताई जा चुके हैं सॉलिसिटर जनरल ने कहा कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है की पत्नी को नसबंदी के आधार बताए जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजरिया की कॉन्फिडेंस टेबल से कहा वह याचिका करता को नजर बंदी के आधार बताने के संबंध में आपको आदेश नहीं देगी जस्टिस कुमार ने पूछा करने की मैं क्या बात है प्रदान करने का कोई कानूनी आदेश नहीं है जा सकती उन्होंने स्पष्ट किया की पत्नी को हिरासत के आधार न दिए जाने को हिरासत की चुनौती देने का आधार नहीं माना जाएगा वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं।
सिंपल ने यात्रिक करता के लिए मेडिकल सहायता की मांग करते हुए अंतिम राहत का भी मुद्दा उठाया इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जब विरासत में लिए गए व्यक्ति को मेडिकल जांच के लिए पेश किया गया तो उसने कहा कि वह कोई दवा नहीं ले रहा है हालांकि कॉलेज यह भी कहा कि यदि किसी मेडिकल आपूर्ति की आवश्यकता होगी से मिलने की अनुमति दी जाए जस्टिस कुमार ने पूछा क्या उन्होंने उनसे मिलने का कोई अनुरोध किया यह देखते हुए कि उन्होंने ऐसा कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया तो जस्टिस कुमार ने कहा ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है तो फिर अदालत का रुख करें

